नमस्ते दोस्त आपका स्वागत हैं। हमारी वेबसाइट पर इस बार हम आपके लिए लाए हैं Barish Shayari in Hindi। जो आपको बहुत पसंद आएगी।
बारिश की बूढ़े सिर्फ बूढ़े नहीं होती ये तो दिल की बाते बताने का एक हसीन लम्हा होता है। कभी कभी तो ये बारिश की बूढ़े प्यार की कहानी सुनती हैं। तो कभी कभी ये दिल के दर्द को छुपाए रखतीं हैं।
आइए, इन शायरी के भीगे लम्हों के साथ उस मौसम को महसूस करें जो दिल के सबसे कोमल कोने को छू जाता है।
Barish Shayari in Hindi
कागज़ की कश्ती और बारिश का पानी,
बचपन की यादें फिर से ताज़ा हो जाती हैं।
वो बेफ़िक्र लम्हें, वो मासूम अदाएँ,
हर बूंद के साथ वो पल लौट आती हैं।
बारिश में अक्सर लोग छाता खोल लेते हैं,
मगर कुछ लोग ऐसे ही भीगना पसंद करते हैं।
शायद उन्हें भी पता है,
कि कुछ दर्द सिर्फ़ बारिश ही धो सकती है।
मिट्टी की महक और भीगी हुई रात,
काश आज हो जाए तुमसे एक मुलाकात।
सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है,
अगर हो इजाज़त तो तुम्हें मांग लूँ?
बादलों की हलचल ने कुछ यादें जगा दीं,
तेरी हँसी की गूँज फिर से हवा में सजा दी।
कागज़ की कश्ती लेकर, बचपन याद आ गया,
बारिश के पानी में, फिर से मन बहल गया।
बारिश की हर बूंद एक नई कहानी सुनाती है,
ज़िंदगी की राहों में कभी हँसाती, कभी रुलाती है।
बारिश में भीगी हर शाम एक नई उम्मीद लाती है,
ज़िंदगी के सफ़र में ठहरे कदमों को फिर चलाती है।
भीगी राहों पर चलना सिखा गई बारिश,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर रुकना सिखा गई बारिश।
बरसती रातों में तेरा ख्याल आया,
हर बूंद ने मुझे फिर से तुझसे मिलाया,
ये बारिश भी जैसे तेरे दर्द को बहा लाया।
सावन की बारिश शायरी
अब कौन घटाओं को रोक पाएगा
जुल्फे जो बिखरी तेरी लगता है
सावन आएगा।
मौसम का नया अंदाज है
नया सवेरा उसके साथ है
जरा दरवाजा खोल के देखो
भीगा सावन भी उसके साथ है।
सावन की बरसात में
एक बार फिर भीगे हैं
उनको पाने की चाहत में।
बरिश का हो गया आगाज़
बादलो से निकली है आवाज
घर से बहार आ जाओ सब
और देखो सावन का मिज़ाज़।
अब के सावन तो
बरसता हुआ यू लगता है
आसमा पर भी तेरे
गम की घटा छाई हो।
रोक कर बैठे हैं कई
समंदर आंखें में
दगाबाज़ निकला सावन तो
हम खुद ही बरस लेंगे।
जितना हंसा उससे
ज्यादा रोया हु मै
इंतजार ने आंखो को
सावन बना दिया।
जिस मौसम में
दिल जलने लगता है
वो सावन का
महीना आ गया।
ये बारिश उनको बोहोत सताएगी
जिनके दिल सावन में टूटे हैं।
Barish Shayari 2 Line
वो जब भीगते बालों से मुस्कराती है,बारिश भी उसके आगे फीकी सी लगती है।
सावन की बूँदें जब ज़मीन से मिलती हैं,तेरी यादें मेरी रूह तक भीग जाती हैं।
तेरा ज़िक्र हो और बारिश ना हो,ऐसे तो रब की भी रज़ा नहीं होती।
वो बारिश जो बादलों से टकरा के गिरी थी,मेरे दिल की दीवारों को भी भिगो गई थी।
बारिश आई तो भीगे बदन की तलाश थी,मिल गई तन्हाई, और दर्द की मिठास थी।
बोलती हैं बूँदें आज कुछ खास,लगता है फिर से आई है तेरी यादों की बौछार।
तेरी बातों की नमी है इन हवाओं में,हर बूँद तेरी मौजूदगी का एहसास दिलाती है।
धूप में जो दूरी थी, बारिश ने मिटा दी,तेरी यादें फिर से दिल के पास आ गईं।
उसकी हँसी और ये बारिश,दोनों ही दिल को एक जैसा भिगोते हैं।
बारिश के मौसम में कुछ तो खास था,शायद तेरा साथ या बस वो एहसास था।
खूबसूरत बारिश शायरी
बारिश से ज्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !
कहीं फिसल न जाऊं
तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको
मेरे शहर में बारिश हो रही है !
मत झटका करो गीले बालों से पानी की वो बूंदे,
ये कम्बखत बादल भी बरसने से
इनकार कर देता है !
आंखों में अपने समंदर समेटा हूं
ऐ बादल तू मुझ पर इतना मत बरस !
सुहाने मौसम में दिल कहीं भटक जाता है
स गली में ही फिर से दिल अटक जाता है !
बादल गरजते हैं कुछ इस अदा से,
जैसे तेरा नाम लिया हो हवा ने।
बरसती है बारिश कुछ इस तरह,
जैसे तुझसे बिछड़ के रोया हो दिल मेरा।
बारिश की रिमझिम में जो सुकून है,
वो तेरे साथ बैठ कर महसूस किया था।
अब हर बारिश बस तन्हा करती है,
क्योंकि अब तू पास नहीं, ये हकीकत है।
भीगते लम्हों में तेरा नाम लिखूं,
हर बूँद से तुझे सलाम लिखूं।
ये बारिश तेरे इश्क़ की गवाह है,
हर फिज़ा में तेरा ही पैगाम लिखूं।
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !
हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है !
प्यार बारी बारिश शायरी
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रू को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !
बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।
बारिश की बूंदों में झलकती है
तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते हैं
बारिश सुहानी औरमोहब्बत पुरानी जब
भी मिलती है नई सी लगती है
जब भी होगी पहली बारिश,
तुमको सामने पाएंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा
हम देख तो पाएंगे ।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे
ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको
मेरे शहर में बारिश हो रही है ।
बस एक तेरे संग भीगे हम !!
मुझे उस बारिश की तलाश है !!
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की खौंफ से।
महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो ।
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